उज्जैन की कांग्रेसी राजनीति में भी बवाल

उज्जैन।वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा पार्टी से इस्तीफा देने के बाद उज्जैन की कांग्रेसी राजनीति में भी बवाल खड़ा हो गया है। उज्जैन में सिंधिया समर्थकों ने अपने इस्तीफे देने की शुरुआत करते हुए कहा कि वे सिंधिया को चाहते हैं और जैसा उनका निर्णय होगा, हम उसके साथ हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र भारती ने बताया उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, सिंधिया हमारे नेता है और वे जहां रहेंगे, हम भी वहीं रहेंगे। गौरतलब है कि भारती के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के महासचिव संजय ठाकुर, प्रदेश सचिव उमेशसिंह सेंगर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरेंद्र कछवाय, नारायणसिंह भाटिया, पूर्व पार्षद दिलीप परमार आदि द्वारा इस्तीफे सौंप दिए गए हं।

 

सिंधिया समर्थकों का जोर

गौरतलब है कि उज्जैन कांग्रेस की राजनीति का गढ़ रहा है तथा यहां सिंधिया समर्थकों का जोर भी हमेशा से रहा है। सिंधिया के खास समर्थकों में प्रमुख नाम राजेन्द्र भारती का है, उन्होंने ही सिंधिया द्वारा पार्टी छोडऩे के बाद सबसे पहले उज्जैन से अपना त्याग पत्र दिया है। इसी तरह नरेन्द्र कछवाय भी लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और सिंधिया समर्थक माने जाते हैं, उनका कहना है वे सिंधिया के साथ हमेशा रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि काफी समय से सिंधिया कांग्रेस में स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे थे, लेकिन खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहे थे। सिंधिया समर्थक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे संजय ठाकुर का कहना है कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं के कारण सिंधिया को यह कदम उठाने पर विवश होना पड़ा है। छात्र जीवन से ही कांग्रेस से जुड़े उमेशसिंह सेंगर ने प्रदेश कांग्रेस सचिव एवं अभा कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि पद से इस्तीफा दे दिया है। इनका कहना है मैं अपने नेता और परिवार के मुखिया श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके प्रति कांग्रेस नेतृत्व की उपेक्षा और बर्ताव से वे दु:खी होकर दोनों पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।

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